Wednesday, February 13, 2008

महाध्यापक और अध्यापकों का आदर

आज मैं अपनी विश्विध्याले के एक बिल्डिंग मे थी। वहाँ पर किसी सह्पाटी ने दो महाध्यापकों के ख़िलाफ़ चीज़ें लिखीन थी। उन्होंने कहा की यह दो जातिवादी लोग हैं, इन्होने नाइंसाफी की है। लेकिन उन्होंने उन्दोनो का जुल्म नहीं लिखा था। और जब मे दूसरी बार नीचे आई तो मैंने देखा कि उनमे से एक बहुत दुखित है और कागाजों को निकाल रहा है। उन का चहरा इतना मायूस था और उन्होंने कहा कि ऐसे पहले मेरे साथ कभी न हुआ। मैंने भी हाथ बटाना शुरू किया।इस लिए नहीं कि मैं समझती हूँ कि उन सह्पातीयों को बोलने का अधिकार नहीं है, लेकिन बोलने का भी एक ढंग होता है और बोलनी के एक जगह। ऐसे अपनी आवाज़ तभी सुनाई देनी चाहिए अगर दूसरे सारे द्वार बंद किए गए। उस महाध्यापक के चहरे से यह साफ साबित हुआ कि उसे पता ही न था कि कई बच्चे उससे रूठे हुए थे। तो उन्होंने उन से बात करने के बजाए ऐसे किया।
और यह इज्ज़त कि बात भी है। हमे अध्यापकों और बडों का आदार करना चाहिए। हमारे यहाँ माना जाता है कि अगर अध्यापकों का आदार न करो यह विद्या का आदार न करो तो कुछ सीखोगे ही नहीं। यह बात मेरे कई सह्पाटीयों को याद राखना चाहिए। अध्यापकों के कार्यों से थोडा रूठना ठीक है लेकिन निरादर कभी नहीं करना चाहिए।

Tuesday, February 12, 2008

आज फिरसे मुझे याद आया कि मीडीया के आँख मे होना कितनी मुश्किल की बात है। एक मेरी दोस्त, जो बिल्कुल नहीं चाहती कि हिलरी राष्ट्रपती बने, उसने मुझे हस्ते हुए कहा कि हिलरी की आवाज़ बहुत थकित थी आज। मैंने अंदर सोचा, हाए, बिचारी हिलरी। लेकिन दोस्त और ज़्यादातर लोग राज्नीते के आँख से इस को देखेंगे। सोचेंगे कि इसका फाईदा कैसे उठाया जाए। यह राजनीती है। लेकिन काश अगर कभी इन्सानीयत भी इस झगडे मे आ जाए।

और राजनीती को भी छोड़ो, आप विचार करें कि स्तार्ज़, गायक जैस लोग के साथ कैसे वर्ताव होता है। उनको एक पल का चैन नहीं मिलता। जो भी वह करतें हैं समाचारपत्रों मे छापा जाता है। अमरीकी गायक ब्रिटनी स्पीर्ज़ को ले लो। यह साबित हो गया है कि उस को दिमाक मे कुछ खोट है। तो इस हालत मे उसका मजाक उडाना ठीक है? हीथ लेजर कि अभी मौत हुई थी। इस से पहले की किसी को पता चला कि वह कैसे मरे, फ़ाक्स नेव्ज़ का एक आदमी ने उसकी निंदा शुरू करदी। एई.टी, एक चेनल, ने बहुत बुरी edating करके साबित करना चाहा कि लेजर बहुत नशे करता था। क्यों? इस से ज़्यादा पैसा मिलता। उन्होंने टेप के किए बहुत पैसे दिए थे। अभी सारे वैद्यों और विग्यानीयों का मानना है कि उसकी मृत्यु एक हात्सा था। लेकिन पत्रिकारों क्षमा नहीं मांगेंगे, वह कहेंगे कि वह स्टार है और और ऐसे कहना उनका अधिकार था। क्या यह ठीक है? केवल स्टार यह मशहूर होना किसी को यह अधिकार देता है कि वह कुछ भी कहें, कहीं भी घुसें? लेजर का सम्पूर्ण परिवार जब वः घाम मे डूबे हुए थे, सब चीज़ें सुन रहे थे।

Monday, February 11, 2008

चुनाव मे खडे होना।

सबको ही पता है कि मैं अमरीका मे हूँ। यहाँ का राष्ट्रपती चुनाव, खासकर डेमोक्रेटिक पार्टी मे, बहुत लम्बा चल रहा है। इस से मेरे मन मे आया कि कैसे लोग चुनाव मे खडे होते हैं? एक तरफ सब लोग गालियाँ देते रहते हैं। आप कुछ करो, बोलो तो सब समाचार पत्रों मे आता है। ना तो आप अपने परिवार वालों के साथ कुछ समय बिता पाते हैं न अपने से कुछ कर पाते हैं। और इनाम? कभी जीत ते हैं तो कभी हारते। और अगर हारे तो क्या क्या गवाया इस के चाह मे।
जैसे जौन एड्वार्द्ज़। उस के पत्नी को केंसर हुआ, उस के बेटी को एक दृंक ड्राईवर ने मारा। और उसको समाचार दिया एक पत्रीकर ने। वह ठीक है, लेकिन बाप के मन मे क्या ख़याल आए होंगे यह सुन कर?
सब हिलारी के रोने पर बहुत बात कर रहें हैं। लेकिन अगर मैं उन के जगह होती तो बहुत थक जाती और कभी कभी थकान के कारण अन्सुं भी बहते हैं।
बहुत सारे चीजेओं जो अब बराक के खिलाफ इस्तिमाल किए जा रहें हैं वह एक इण्टरव्यू से हैं। लेकिन इतनी लम्बी चौरी कैम्पेन मे एक तो गलती हो ही जाएगी।
मैंने यह पोस्ट क्यों लिखा? मैंने सोचा कि राज नीती से दो तीन पल के लिए बाहर आके हम इन्साओं के बारे मे सोचे। रोमनी ने करारों डाँलर खर्चे थे और क्या पाया? इतनी मुश्किल से कमाया पैसा और एक पल मे गायब?