Monday, February 11, 2008

चुनाव मे खडे होना।

सबको ही पता है कि मैं अमरीका मे हूँ। यहाँ का राष्ट्रपती चुनाव, खासकर डेमोक्रेटिक पार्टी मे, बहुत लम्बा चल रहा है। इस से मेरे मन मे आया कि कैसे लोग चुनाव मे खडे होते हैं? एक तरफ सब लोग गालियाँ देते रहते हैं। आप कुछ करो, बोलो तो सब समाचार पत्रों मे आता है। ना तो आप अपने परिवार वालों के साथ कुछ समय बिता पाते हैं न अपने से कुछ कर पाते हैं। और इनाम? कभी जीत ते हैं तो कभी हारते। और अगर हारे तो क्या क्या गवाया इस के चाह मे।
जैसे जौन एड्वार्द्ज़। उस के पत्नी को केंसर हुआ, उस के बेटी को एक दृंक ड्राईवर ने मारा। और उसको समाचार दिया एक पत्रीकर ने। वह ठीक है, लेकिन बाप के मन मे क्या ख़याल आए होंगे यह सुन कर?
सब हिलारी के रोने पर बहुत बात कर रहें हैं। लेकिन अगर मैं उन के जगह होती तो बहुत थक जाती और कभी कभी थकान के कारण अन्सुं भी बहते हैं।
बहुत सारे चीजेओं जो अब बराक के खिलाफ इस्तिमाल किए जा रहें हैं वह एक इण्टरव्यू से हैं। लेकिन इतनी लम्बी चौरी कैम्पेन मे एक तो गलती हो ही जाएगी।
मैंने यह पोस्ट क्यों लिखा? मैंने सोचा कि राज नीती से दो तीन पल के लिए बाहर आके हम इन्साओं के बारे मे सोचे। रोमनी ने करारों डाँलर खर्चे थे और क्या पाया? इतनी मुश्किल से कमाया पैसा और एक पल मे गायब?

No comments: