आज समाचारपत्रों में आया हैं की श्री लंका और भारत के बीच जो पुल हैं, जिसे आम तोड़ पे आदम्स पुल कहते हैं। हिंदुओं के लिये यह धार्मिक हैं, रामसेतू कहते हैं। उनका मानना है की श्री रामचन्द्रजी ने एक पुल बनाया था जब वह सीता माता को लंका से वानारो की सेना के साथ बच्चाने गाए थे। सरकार का प्रस्तावित परियोजना जो लंका और हिंदुस्तान के बीच यात्रा का समय कम करेगी, लेकीन, और इस बात को लेकर विरोध है, इस को करने के लिये रामसेतू तोडना परेगा।
लेकीन सब से आश्चर्य वाली बात तो है, की हिंदुस्तानी समाचारपत्र- हिंदुस्तान ताईम्ज़, और अमरीकन समाचारपत्र, ताईम्ज़, ने इस मामले को कितने फरक तरीके से पेश करा हैं। ताईम्ज़ मे लिखा है की सरकार ने इस घटना को बुरी तरेके से हैंडल कीया हैं । कीe मे लिखा है के कई हिंदु यूं पी ए सरकार से रूठे हुए हैं क्योंकि उनको लगता है की सरकार हिन्दुओ के धर्म के साथ खिलवार कर रहें हैं। हिंदुस्तान ताईम्ज़ मे सरकार की हम आलोचना हैं। इस से यह साबित होता है की दूसरे दुसरे देशो के पत्रिकाओं एक हे कहानी को अलग अलग रुप मे पेश करतें हैं। हिंदुस्तानी समाचार पत्रों जो भी लिख रहें हो, यह मामला, परमाणु समझौते के बाद सरकार के लिये बड़े ख़तरे की है। भारतीय जनता दल को अगले चुनाव जीतने का तरीका मिल गया। उन्होने जल्दी से इस मामले के साथ राजनीती खेलना शुरू keeya.
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