Monday, September 17, 2007

नेट: अच्छी यह बुरी

कई मुख्य इंसानों ने कहा है की इंटरनेट बुरी चीज़ है। आज सामाचारापत्रों मे आया है की चीन मे एक लड़का मर गया क्योंकि वह तीस घंटे बिन रुके इंटरनेट पे बैठा रहा। चीन में एक aspitaal सिर्फ इंटरनेट अदिक्ष्ण को सुझाते है। अमरीका मे भी यह समस्या आ रही है। मैं भी ९थ् क्लास मे ज़यादा कम्प्यूटर पे बैठ रही थी। कई बच्चे इतना इंटरनेट करते हैं की हत्या पे हत्या देखते हैं।समस्या इस मे है। कई हत्या इंटरनेट के कारण होती हैं। कोलुम्बाईं शूटीन्ग्ज़ का अभ्यास दोनो बच्चों ने नेट पर किया था। कई बच्चे मार-पीट को नेट पर देख कर इतना बिगाड़ जाते है की उनको फर्क ही नहीं पड़ता और फिर वह खुद करने लग जाते हैं। कई कहते हैं की यह बच्चे तो नेट के बिना भी बिगाड़ जाते क्योंकि असल मे गल्ती माँ-बाप की हैं, यह कोई और परिस्थिति । मैं यह बताती हूँ की नेट से इन को जानकारी मिलती हैं। उनको पता चलता है की बारूद कहाँ से खरीदे। उन को दोस्त भी मिलते हैं। अमरीकन समाचारपत्र ने रिपोर्ट ग्रज किया था की आतंकवादी, वह लोग जो जातिवाद के कारण लोगो को सताते हैं, उनको एक सहारा मिल जाता हैं क्योंकि नेट पे उनको और लोग मिल जाते हैं जो उनके विचारों से सहमत हैं।
लेकिन नेट से हम लाभ भी उठाते हैं। मेरे कई परिवार वाले भारत, ऑस्ट्रेलीया, और पश्चिमी और पूर्वी अमरीका मे रहते हैं। और मेरे पुराने दोस्तों भी दूर रहते हैं। नेट से मैं उनसे कम दाम मे और आसानी से बात कर सकती हूँ। नेट से मैं किसी भी चीज़ पर अन्वेषण कर सकते हैं। इस से हम आसानी से लोगो से बात कर सकते हैं।
तो इस के बुरे परिनामो का क्या करे? मेरा जवाब है की माता और पिता को बच्चे को ध्यान रखना चहीये की उनके बच्चे नेट पर कितना जा रहे हैं। फिर जब बडे हो जाएँ तो उनको ठीक उपयोग की आदत पडी होगी। आज भी डांक्टर के पास जाओ तो वह पूछ ते हैं, की तुम नेट पे कितना बैठते हो। तो यह और करें, अगर दोस्तो को पता चले की उनका मित्र ज़्यादा बैठ रहा हैं नेट पर, तो उनको उस से बात करना चहीये। पुलिस को पैसे और लोगो नेट पे नज़र रखने के लिये देना चहीये.

No comments: