Tuesday, September 25, 2007

जेफ़ का केस।

आज मुझे कहते हुए बहुत ख़ुशी होती है की वारेन जेफ़ को आज दोषी ठहराया गया। यह सब ही मानते हैं की यह आदमी जो अपने को ईश्वर्दूत कहता है, ने यह सब गुनाए कीये थे। लेकिन, मैं समाचार पत्रों मे पढ़ रही थी की जहाँ मुकदमा चल रहा था, वहाँ पे लोग जेफ़ को मानते हैं। इस लिये यह परिणाम और भी उत्तम और उन लोगो की तारीफ करनी चाहीये जिन्होंने बड़ी हिम्मत के साथ यह निर्णय लिया। कल यह हमे बताया गया की जूरी एक और रात चाहते हैं, लेकिन उनको लग-भाग पता था की वह क्या णिरने लेने वाले थे। यह ये दिखाता है की जूरी वालो को पता था की उनके निर्णय कितना भारी होगा, उसके परिणाम कितने लोगो को छुएँगे। क्योंकि इस दोषी निर्णय के साथ इस जूरी, यूटा मे, ने कहा है, की हम तुमको, तुम्हारा कार्यो को अस्वीकार करते हैं। तुम हमारे लिये नहीं बोलते। आज वह बहादुर लड़की जो सरकारी गवाह बनी, उस ने कहा, की वह भी गवाही देते समय डरी। तो वह उन लड़कियों जो चुप बैठे है उनको कायर नहीं कह रही हैं। लेकिन वह, और हम सब, चाहते है कि इस निर्णय से एक मठ ने जेफ़ के विरोधी को औचित्य दिया है। मेरी उम्मीद है कि इस के बाद सब लोगो इन लड़कियों को शरण देंगे।
मेरी उम्मीद है की जहाँ जहाँ धर्म के नाम पे अत्याचार हो रहें है उनके समाजों और मठों के लोग उठ कर ऐसे विरोध करें।

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