Thursday, October 4, 2007

इस पोस्ट को कुछ नहीं जोड़ता

आज मुझे ख़ुशी हुई के मेरे पास के सिनेमा ने एलान किया कि १२ अक्तूबर से वह लागा चुनरी में दाग दिखने वाले हैं। मुझे इस फिल्म से बहुत उमीदों हैं। मेरी ख्वाईश हैं की इस फिल्म वेश्यों की मजबूरी को दिखाएगीदिखाएगी कि कैसे इस लड़की के पास और कोई चारा नहीं था। दिखाएगी कि कड़वाहट कितनी बुरी चीज़ होती हैं।
इस हफ्ते काम कुछ ज्यादा बड़ा हैं। इस लिए मेरे पोस्टें मे ज्यादा अंतर रहा हैं। मे रोज़ पोस्ट नहीं कर पा रहीलेकिन फिर से कोशिश करूंगी, क्योंकि भाषा मे सुधार बाकी हैं, जो सिर्फ अभ्यास से हो सकता हैं। मे यह भी कहूँगी की आप लोगों का संयोग मेरे लिए बहुत कीमती रहा हैं।
पाठशाला मे पढते पढते मैंने बहुत जरूरतों पूरी करने के लिए पढा हैं, लेकिन हिंदी मैं अपने लिए ले रहीं हूँ। में गर्व से और सचाई के साथ कहना चाहती हूँ की मैं हिंदी जानती हूँ। आप मे से किसी ने टिप्पणी मे लिखा था कि मैं सुधर लाने के लिए हिंदी मे पढूं भी ताकी मुझे शब्दों का ठीक प्रयोग भी मालूम पड़े। काश यह ज्यादा करने का वक्त होता! मैंने छुट्टी मे ऐसा किया था, और अभी भी जैसे फुर्सत मिलती हैं करती हूँ। लेकिन, इस सलाह के लिए धन्यवाद

No comments: