आज जोधा-अख़बार के बारे मे नया संदेश दर्ज हुआ हैं। मुझे बहुत ख़ुशी हुई हैं। आशुतोष गाव्रीकर इस फिल्म का निर्देशक हैं। आशुतोष ने बोला हुआ हैं कि वह एक गाँधी-भक्त हैं। इस लिए मेरी उम्मीद हैं की वह इस प्रेम-कथा कि असली माय्ना निकाल सके। दिखा सके की मुग़लों वह बुरे लोग नहीं थे जो हिंदु-स्वाधीनता का पक्षपातीyon कहते हैं। उनका मान ना हैं की मुग़लों ने हिंदु धर्म का सरवनाश करने की कोशिश की। लेकिन इस कहानी मे दिखाते हैं कि अख़बार ने तो एक हिंदु से प्यार किया। उस ने एक नया धर्म का निर्माण किया था जो ना तो हिंदु था ना इस्लाम। वह चाहता था कि सब शांतिपूर्वक उसके राज मे जीं सकें। और वह राजनीति और शक्ति के बारे मे सोच रहा था। वह इस्लाम यह धर्म के बारे मे नहीं सोच रहा था।
ऐसे ही एक फिल्म हैं - सेव थी लास्ट डांस। इस फिल्म मे एक अफ्रीकी-अमरीकी लड़का और अमरीकी लड़की एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। और बहुत सी बाधाएं उनके रास्ते मे उठी। उनको सोचना पड़ा की वह कहाँ के होना चाहते हैं। लड़का के पुराने दोस्तों उसको अपराधों की ज़िंदगी मे धकेलने लगे। लकड़ी के पिता ने उसको एक नए जगह मे पालना चाहा। लेकिन फिर उन्होने सोचा की प्यार सब से अहम चीज़ हैं। लेकिन प्यार के साथ साथ वह दोनो अपने सपनों को पूरा करने लग गए।
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