Sunday, November 4, 2007

डान राड्क्लिफ

मैंने आज उसका एक इण्टरव्यू सूना। मुझे बहुत अच्छा लगा, उसके आदमियों ने उसे अच्छी तरा तय्यर किया था। कई मशहूर लोग कहते हैं कि हाय हमने क्या खोया हैं। राड्क्लिफ ने ऐसे कुछ नहीं कहा। उसने सच बोला, मैं बता नहीं सकता कि मैंने कुछ खोया है यह नहीं, मैं तो इस के इलावा कुछ जान्ता ही नहीं। लेकीन मुझे बहुत मज़ा आया हैं। उस ने किसी की निंदा भी नही की। उस ने कहा कि वह बहुत अछे लोगों से मिला हैं और चाहता है कि उन्हें हमेशा जान्ता रहे। उस ने कहा हैं कि वार्नर बरोथर्स ने उस का हमेशा साथ दिया हैं। जिस काल मी मशहूर लोग हमेशा किसी न किसी के बारे मे बुरा बोल रहें हैं और कोइ बतामीज़ी कर रहीं हैं, राड्क्लिफ के बातों को सुनकर अछा लगा। जब वह अठारा साल का हुआ उस को अपने कमाए हुए पैसे मिले। उस मौक़े पे उसने कहा कि कई पत्रकारों चाहते हैं कि अब मैं कुछ बत्माज़ी करूं, यह मैं नहीं करूंगा।
अपने को वह अच्छे से संभालता हैं। वह ठीक से बात करता हैं। और यह इस सचाई के बाद- जिस से भी बात करो वह कहते हैं कि निजी ज़िंदगी मे राड्क्लिफ बहुत मजाकी हैं। एक सेट पर भी उसने थोडा बदमाशी किया था। लेकिन कभी हद से आगे नहीं गया। और मैं यह सब कहती हूँ और मैं उसकी "फंगिर्ल"= -अमारीकी भाषा मैं भी नहीं हूँ। लेकिन अगर और मशहूर लोग राड्क्लिफ जैसे वर्ताव करने लगे तो इस देश मे कितना और कैसे बदलाव आएगा। यह भारत मे भी सच हैं जहाँ पे सलमान खान जैसे स्तार्ज़ भी मौजूत हैं.

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