Saturday, November 24, 2007

कृतज्ञता और inchanted

मेरे पास एक अच्छा परिवार है। इस से मेरे पास एक अच्छा 'सुप्पोर्ट सिस्टम' है। मुझे मिशिगन जैसे विश्वविध्याले पर पढ़ने का अवसर मिला है। मुझे लगता है कि इन चीजों के बारे मे सोचना बड़ा अवशक है।

दूसरे विषय- मैं अपने भाई के बेटी के साथ इन्चान्टेड देखा। मुझे यह फिल्म बहुत पसंद आया। एक कारण था कि यह एक नई किसम की परी कथा है। और वह भी डिज्नी से। जिनको नहीं पता, डिज्नी एक कम्पनी है जिसने सारे मशहूर परी कथा को सेलुलोईद पर डाला है। तो डिज्नी से एक ऐसी फिल्म जिसमे राजकुमारी लड़के को बचाती है। जो सब को संभालती है। यह देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। इससे तमाम लड़का लड़कियों को पता चलेगा कि लड़कियाँ भी लड़ सकती है। सिर्फ दिमाक से ही नहीं बल्की बल के साथ भी।
यह एक अपवाद नहीं है। थोडे साल पहले एक और ऐसे ही परी कथा बनी थी- प्रिंस एंड मी। उस मे राजकुमार थोडा दुर्बल था। वह अंग्रेज़ी और भाषाओं के जानकारी रखता था और लडकी चिकित्सक बनना चाहती थी। यह 'उल्टा' है।
इससे अच्छा असर पड़ता है- लोगों को पता चलता है कि लडकी सिर्फ एक नहीं अनेक काम कर पाती हैं। काश आज के बोलीवुड मे भी कोइ ऐसी फिल्म कामियाब हो पाती--जब मैं यह फिल्म देखने गयी एक चोटी सिनेमा मे बहुत बड़ी क्यू थी। पहली शोविंग मे जा ही नहीं पाए। और मेरी बाबू को यह फिल्म अच्छी भी लगी। दो तीन मोड़ पर उसने मेरा हाथ जोर से पकडा हुआ था और वह बादमे बोली- कितनी अच्छी फिल्म थी! उसको नारीवाद के बारे मे कम पता है तो जब मैंने बड़ी ख़ुशी से कहा- "वह कितनी प्रगतिशील फिल्म है" उसने बोला क्यों?
जब मे किसी और से वाद-विवाद कर रही थी इस के ऊपर वह बोलली "आई डोंट गेट इट" मैंने उसके प्यार से कहा "कुछ नहीं, बेटा"
लेकिन उसके मन मे यह कहानी का अच्छा असर होगा। एक बार मेरी एक अध्यापिका ने बोला-लोग पूछते हैं कि बच्चे तो गीता का समकार्थ नहीं समझते तो क्यों उन्हें श्लोक सिखाएं? मेरा जवाब है कि अभी वह अर्थ नहीं समझते लेकिन श्लोक तो मन मे बसते है। और बडे होकर वह अर्थ समझ जाएँगे और श्लोक को जानकार उनको आसानी होगी" वैसे ही यह कहानियाँ हैं। यह हमे याद रहते हैं और बडे होकर जब हम निर्णय ले रहे होते हैं हमे कहानियाँ याद आतें है। चाहे वह दादी के बताए हुए कहानी यह गाए हुए लोरी हों यह परी कथा। तो, जैसे आप मेरे से सुनते सुनते थक गए हो, इस लिए यह सोचना कि फिल्मों और कहानियों मे क्या पेश किया जा रहा है यह अहम है।
एक और बात- यह समाज के बदलाव का एक संकेत है क्योंकि डिज्नी एक ऐसी कम्पनी है जो यह ध्यान मे रख कर चलती है। पहले जब अमरीकी मे रेसिस्म दिखा सकते थे तब उन्होने एक रेसिस्ट फिल्म बनाई थी। लेकिन अब उन्होने एलान किया है कि वह एक ऐसी परी कथा बनाएंगे जिसमे अलाप-संख्यक लोग कुमार और कुमारी का रुप धारण करेंगे।

4 comments:

आलोक said...

c/विश्वविध्याले/विश्वविद्यालय
c/अवशक/आवश्यक
c/किसम/किस्प
c/दिमाक/दिमाग (या दिमाग़?)
c/थोडे/थोड़े
c/मे/में
c/कोइ/कोई
c/अलाप/अल्प

Priya said...

dhanyavaad. main inka abhyaas karungee.

संजय बेंगाणी said...

आज आपका चिट्ठा (ब्लॉग) देखा, अच्छा लगा.

यह बात भी पसन्द आयी की अभी रट लो जब समझने लायक बनोगे, तक समझने में आसानी होगी.

Batangad said...

प्रिया
तुमने मिशीगन के साथ हिंदी की भी क्लास ब्लॉगिंग के जरिए शुरू कर दी। अच्छा है एक पंथ दो काज