Friday, November 2, 2007

राष्ट्रवाद

आज मैं मिज्राणा नृत्य देखने गयी थी। वहाँ पे वह बता रहे थे कि भारत ने दुनिया को क्या सिखाया हैं और उसने दुनिया को अपने रंगों मे कैसे रंगा हैं। लेकिन उन्होने इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि भारत ने दुनिया से क्या सीखा हैं। मैं जानती हूँ कि यह भारतिय-अमरीकी विद्यार्थीयों का कार्यक्रम था। लेकिन उनको एक tarfee कहानी नहीं पेश करना चाहिए था। अभी भी बहुत लोग कहते हैं कि भारत ज्यादा ही राष्ट्रवादी हैं। इससे यह साबित होता हैं और हमारे बच्चों, जिस मे मैं भी शामिल हूँ, उनको गलत शिक्षा मिलती हैं।
मेरा भारत महान कहने मे कुछ गलत नहीं हैं। भारत मे बहुत से गुणे हैं। एक हजार सालों मे भारत ने किसी भी देश पे आक्रमण नहीं किया हैं। भारत ने दुनिया को दशमलव दिया हैं। लेकिन यह बुरी बात होगी अगर हम मे से किसी ने कहा कि भारत महान हैं और दूसरे सब देशों खराब यह बुरे।
राष्ट्रवादी होना बुरी बात नहीं हैं। यह कभी कभी देश प्रेम का लक्षण होता हैं। लेकिन राष्ट्रवाद और देशप्रेम दोनो कि भी एक सीमा होती हैं जिसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बिल्कुल सही विचार प्रेषित किए हैं।