Saturday, November 17, 2007

मेरी थकान

कई बार ऐसे क्यों होता है कि हमारा जी पढाई मे बिल्कुल नही लगता? ऐसे क्यों होता है। मुझे यह बहुत कम होता है लेकिन पिछले हफ्ते से मेरा मन बिल्कुल पढाई मे नही लग रहा। यह करने के लिए भी मैंने बैंड इट लाइक बेखम लगाया हुआ है और हर दो सेकंड मे कुछ और करने लग जाती हूँ। मुझे ३९१ के लिए प्रोब्लेम्ज़ करने चाहिए। लेकिन मैं ब्लोग लिख रहीं हूँ और बेंड इट को सुन रहीं हूँ। और अभी मुझे नींद आ जाएगी। देख लेना। आज भी कम काम होगा।
और कल मुझे एक जगह जाना ही जान है। लेकिन वह २ घंटे के लिए। लेकिन तैयार होने मे भी एक घंटा लग जाएगा। यही है मेरी दुविधा। देखा अब से ही मुझे जम्हाई आ रही हैं। इस हालत मे मैं ३९१ के लिए काम कैसे करूंगी? करना ही पडेगा। क्योंकि अगर यह प्रोब्लेम्ज़ नहीं कर पाए तो मुझे सोमवार को मदद लेने जाना चाहिए। क्योंकि फिर परीक्षा के मार्क्स देने वालें है वह तो फिर बहुत लोग उसके बारे मे उनसे बात करने जाएँगे तो फिर उनके पास हमसे बात करने के लिए कम वक्त होगा।

1 comment:

राज यादव said...

प्रिया जी !!!! ये थकान नही है ,ये न पढ़ने का बहाना है .बस दिल दीमाक को फोकस करो ,जरूर मन लग जाएगा ...किसी शायर ने कहा है ।
हम दरिया है ,हमे अपना हुनर मालूम है ।
जिधर चलेंगे रास्ता बनता जाएगा !!!!
खैर ,अच्छा लिखती है ,लिखती रहे ....बधाई !!!

राज यादव